गिरनार महातीर्थ विकास समिति - जूनागढ़
गिरनार महातीर्थ महिमा
शत्रुंजय की तरह गिरनार भी प्राय: शाश्वत महातीर्थ है।
अनंत तीर्थकरो के दिक्षा, केवल और मोक्ष कल्याणको से पावन बना ऐसा है यह गिरनार महातीर्थ है।
हर चोवीसी में कम से कम 3 कल्याणक जहाँ होते ही है, ऐसा है यह गिरनार महातीर्थ!
आने वाली चोवीसी में 24 तीर्थकर भगवंत जहा से मोक्ष प्राप्त करेंगे, ऐसा है यह गिरनार महातीर्थ!
जहाँ पर विश्व की सबसे प्राचीन प्रतिष्ठित प्रतिमा विराजमान है, ऐसा है यह गिरनार महातीर्थ!
बालब्रह्मचारी श्री नेमिनाथ प्रभु के दीक्षा,केवालज्ञान एव मोक्ष जहाँ पर हुए है, ऐसा है यह गिरनार महातीर्थ!
प.पू. आ. श्री हिमांशुसूरीश्वरजी म.सा.
प.पू.आ. श्री भुवनभानुसूरीश्वरजी म.सा.
प.पु.आ.श्री जयघोषसुरीश्वरजी म. सा
प.प.पं.प्र. श्री चन्द्रशेखरविजयजी म.सा.
प.पू. आचार्य श्री धर्मरक्षितसुरीश्वरजी म.सा
प्रशांतमूर्ति गच्छाधिपति प.पू. आ. श्री राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा
युगप्रधान आचार्यसम प.पू.पंन्यास चंद्रशेखरविजयजी म.सा. के शिष्य
प.पू.आ. धर्मरक्षितसूरिजी म.सा. के शिष्य
प.पू.आ. हेमवल्लभसूरिजी म.सा.
और
युगप्रधान आचार्यसम प.पू.पंन्यास चंद्रशेखरविजयजी म.सा. के शिष्य
प.पू.पंन्यास पद्मदर्शनविजयजी म.सा.,
प.पू.मुनि दिव्यपद्मविजयजी म.सा. आदिठाणा